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क्या है वैम्पायर फिंच? जानें इस अनोखे पक्षी की खून पीने की आदतें

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वैम्पायर फिंच: एक अद्भुत पक्षी

Vampire Finch Bird Information (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Vampire Finch Bird Information (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

वैम्पायर फिंच की जानकारी हिंदी में: दुनिया में कई जीव मांसाहारी होते हैं, जो अन्य जीवों का शिकार करके अपना पेट भरते हैं। इनमें कई पक्षी भी शामिल हैं, जैसे बाज और गिद्ध। आमतौर पर, मांसाहारी जीव काफी डरावने और आक्रामक माने जाते हैं। लेकिन एक ऐसा पक्षी है जो देखने में साधारण लगता है, लेकिन इसकी आदतें बेहद चौंकाने वाली हैं। यह पक्षी अपने आहार के लिए खून पीता है, जो इसे अन्य पक्षियों से अलग बनाता है।


वैम्पायर फिंच (Vampire Finch) एक अनोखा पक्षी है, जो अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिए अन्य पक्षियों का खून पीता है। यह प्रकृति में पाए जाने वाले कुछ गिने-चुने पक्षियों में से एक है, जो इस असामान्य व्यवहार को अपनाते हैं। इस लेख में हम वैम्पायर फिंच के बारे में पूरी जानकारी देंगे, जिसमें इसका आवास, विकास, इतिहास और खून पीने की आदत के पीछे का कारण शामिल है।


वैम्पायर फिंच क्या है?

वैम्पायर फिंच एक छोटी चोंच वाला पक्षी है, जो गैलापागोस द्वीपसमूह (Galápagos Islands) में पाया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम Geospiza difficilis septentrionalis है, और यह डार्विन फिंच (Darwin’s Finch) की एक उप-प्रजाति मानी जाती है।


इस पक्षी का सबसे असामान्य व्यवहार यह है कि यह अपने भोजन के लिए दूसरे पक्षियों के खून पर निर्भर रहता है। इसकी चोंच इतनी तेज और नुकीली होती है कि यह अन्य पक्षियों की त्वचा को काटकर उनका रक्त पी सकता है। युगों से, फिंच पक्षी कभी-कभी बूबी पक्षियों के शरीर से परजीवी हटाते समय उनके खून को निकाल देते थे। परजीवी हटाना फिंच और बूबी दोनों के लिए लाभकारी था। फिंच को पौष्टिक भोजन मिलता था और बूबी को अपने पंखों में मौजूद कीड़ों से राहत मिलती थी। जब फिंच ने खून निकालना शुरू किया, तो उसने इसे आहार के पूरक के रूप में अपनाने के लिए खुद को अनुकूलित कर लिया।


यह पक्षी यौन द्विरूपता (Sexual Dimorphism) दर्शाता है। नर काले रंग के होते हैं, जबकि मादाएं भूरे धारीदार ग्रे रंग की होती हैं। अपने विशिष्ट जीवनशैली के अनुकूल बनने के लिए, वैम्पायर फिंच ने सभी तेज चोंच वाले ग्राउंड फिंच उपप्रजातियों में सबसे बड़ी और नुकीली चोंच विकसित की है।


वैम्पायर फिंच अपनी तीखी चोंच का इस्तेमाल बूबी के पंखों और त्वचा पर तब तक चोंच मारने के लिए करता है जब तक कि उसका खून न निकल जाए और जब बीज और कीड़े कम होते हैं तो वह पौष्टिक खून पीकर अपना आहार समृद्ध करता है। अजीब बात यह है कि बूबी को वैम्पायर फिंच द्वारा उनका खून पीने से कोई परेशानी नहीं होती। ऐसा माना जाता है कि यह व्यवहार बूबी के पंखों से परजीवी निकालने वाले वैम्पायर फिंच से विकसित हुआ है।


कहाँ पाया जाता है?

वैम्पायर फिंच मुख्य रूप से गैलापागोस द्वीपसमूह के दो छोटे द्वीपों पर पाया जाता है:


वोल्फ द्वीप (Wolf Island)


डार्विन द्वीप (Darwin Island)


यह द्वीप प्रशांत महासागर में स्थित हैं और यहाँ का वातावरण बेहद शुष्क और कठोर है। इन द्वीपों पर जल और भोजन की उपलब्धता सीमित है, जिससे यहाँ रहने वाले जीवों को अद्वितीय तरीके से अनुकूलित होना पड़ा है।


वैम्पायर फिंच का विकास और इतिहास

वैम्पायर फिंच की उत्पत्ति चार्ल्स डार्विन द्वारा खोजे गए डार्विन फिंच समूह से हुई है। डार्विन ने इन पक्षियों का अध्ययन करके ‘प्राकृतिक चयन’ का सिद्धांत विकसित किया था।


कैसे विकसित हुआ खून पीने का व्यवहार

शुरुआत में, फिंच पक्षी सामान्य आहार लेते थे। लेकिन समय के साथ गैलापागोस द्वीपों पर भोजन की कमी होने लगी। माना जाता है कि इन पक्षियों ने पहले बड़े पक्षियों की त्वचा पर रहने वाले परजीवियों को खाना शुरू किया। धीरे-धीरे, उन्होंने उन पक्षियों की त्वचा में छेद करके रक्त पीना शुरू कर दिया, जिससे उन्हें पानी और पोषण दोनों मिलने लगे।


यह पक्षी किसका खून पीता है?

वैम्पायर फिंच मुख्य रूप से नेज़्का बूबी (Nazca Booby) नामक समुद्री पक्षी का खून पीता है। यह बड़े समुद्री पक्षी होते हैं, जो वैम्पायर फिंच से अधिक शक्तिशाली होते हैं। लेकिन वे आमतौर पर इस छोटे फिंच पक्षी को खुद से दूर नहीं भगाते।


खून पीने की प्रक्रिया:

वैम्पायर फिंच पहले बूबी पक्षी की पीठ या पंखों पर बैठता है।


यह अपनी नुकीली चोंच से बूबी पक्षी की त्वचा में छोटे छेद करता है।


छेद से निकलने वाले खून को चूसकर यह अपनी प्यास और भूख मिटाता है।


मजे की बात यह है कि बूबी पक्षी आमतौर पर इसे सहन कर लेते हैं और प्रतिरोध नहीं करते।


क्या यह पक्षी पूरी तरह से खून पीकर जीवित रहता है?

नहीं, वैम्पायर फिंच पूरी तरह से खून पर निर्भर नहीं होता। इसका आहार मुख्य रूप से निम्नलिखित होता है:


बीज (Seeds)


कीड़े और लार्वा (Insects & Larvae)


छोटे फल (Small Fruits)


अन्य पक्षियों के अंडे (Bird Eggs)


अन्य पक्षियों का खून (Blood of Birds)


यह खून पीने का व्यवहार केवल तब अपनाता है जब द्वीपों पर पानी और भोजन की उपलब्धता बहुत कम हो जाती है।


कैसे खून पीने की आदत बनी?

शुरुआत में, यह चिड़िया बड़े समुद्री पक्षियों के शरीर पर मौजूद परजीवियों को चोंच मारकर खाती थी। लेकिन धीरे-धीरे यह उनकी त्वचा तक चोंच मारने लगी और खून चूसने की आदत विकसित हो गई। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह व्यवहार इवोल्यूशन की प्रक्रिया का हिस्सा है, जो पानी और भोजन की कमी के कारण विकसित हुआ।


कैसे करती है शिकार?

वैम्पायर फिंच विशेष रूप से नीले पैरों वाले बूबी और नाज्का बूबी नामक पक्षियों का शिकार करती है। यह उनके पीठ और पंखों के नीचे चोंच मारती रहती है, जब तक कि खून न निकल आए। इसके बाद, वह अपनी तेज चोंच को घाव में डालकर खून पीती है।


हैरानी की बात यह है कि बूबी पक्षी इस प्रक्रिया का अधिक विरोध नहीं करते। संभवतः वे इसे अब भी एक सफाई प्रक्रिया समझते हैं या उन्होंने इस व्यवहार को सहन करना सीख लिया है।


प्यास पहले, खून बाद में

वैम्पायर फिंच को केवल खून पर निर्भर रहने वाला पक्षी नहीं कहा जा सकता। इसका मुख्य आहार बीज, कीड़े और फल होते हैं। लेकिन जब द्वीपों पर जल संकट और भोजन की कमी हो जाती है, तो यह पक्षी खून पीने पर मजबूर हो जाता है।


इसके अलावा, यह अन्य पक्षियों के अंडों को भी चुराता है और चट्टानों पर मारकर तोड़ता है ताकि उसके अंदर मौजूद पोषक तरल पदार्थ को पी सके।


खतरनाक और दुर्लभ व्यवहार

खून चूसने का व्यवहार पक्षियों में बहुत ही दुर्लभ माना जाता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह पक्षी कभी दूसरे पक्षियों की सफाई करते थे, लेकिन अब वे सीधे खून निकालकर पीने लगे हैं।


गैलापागोस द्वीप समूह की यह चिड़िया आज भी शोधकर्ताओं के लिए एक रहस्य बनी हुई है और प्राकृतिक चयन का अनोखा उदाहरण प्रस्तुत करती है।


क्या यह पक्षी खतरनाक है?

वैम्पायर फिंच इंसानों के लिए खतरा नहीं है, क्योंकि यह केवल छोटे पक्षियों पर हमला करता है। हालांकि, इसका खून पीने वाला व्यवहार अन्य पक्षियों के लिए खतरनाक हो सकता है।


कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर यह व्यवहार बढ़ता रहा, तो यह बूबी पक्षियों के लिए घातक साबित हो सकता है और उनकी संख्या में गिरावट आ सकती है।


वैज्ञानिकों के लिए क्यों खास है यह पक्षी?

वैम्पायर फिंच प्राकृतिक चयन और विकास का एक बेहतरीन उदाहरण है। यह दिखाता है कि कैसे किसी जीव को अपनी परिस्थितियों के अनुसार बदलना पड़ता है।


इसके अलावा, वैज्ञानिक इस पक्षी का अध्ययन करके यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि कैसे जीवों का व्यवहार और खानपान उनके पर्यावरण के अनुसार बदलता है।


वैम्पायर फिंच एक अनोखा और रहस्यमयी पक्षी है, जिसने कठिन परिस्थितियों में जीवित रहने के लिए असामान्य तरीका अपनाया है। यह पक्षी विज्ञान की दुनिया में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दर्शाता है कि जीवन कैसे अनुकूलन के माध्यम से खुद को बनाए रखता है।


इसका खून पीने वाला व्यवहार भले ही डरावना लगे, लेकिन यह केवल जीवित रहने के लिए विकसित हुआ है। यह पक्षी न केवल जैव विकास के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह प्रकृति के अजीबोगरीब और आश्चर्यजनक रहस्यों में से एक है!


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